शुक्रवार, 3 जून 2016

किस्से-कहानियाँ |

अगर कोई अमेरिकन पूछता है कि तुम्हें अमेरिका में क्या पसन्द है तो समझ नहीं आता कहाँ से शुरू करूँ और कहाँ पर ख़तम। यहाँ पर बुरा लगने जैसा तो कुछ है ही नहीं। सबकुछ अच्छा ही लगता है। यहाँ पर अपार्टमेंट में बीच-बीच में इंस्पेक्शन होते रहते हैं जिसमे जाँच करने वाले लोग देखते हैं कि घर के सारे उपकरण सही से कार्य कर भी रहे हैं या नहीं। प्रमुख रूप से अग्नि चेतावनी की घंटी (fire alarm) को जाँचा जाता है। यहाँ पर मकान लकड़ी के बने होते हैं जिसके कारण थोड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है। यह लोग सूचना देकर ही घर पर आते हैं।
आज मेरी यूनिट में इंस्पेक्शन था। एक दिन पहले मुझे नोटिस मिल गया था कि वह लोग कल आने वाले हैं। सवेरे से थोड़ा बहुत घर साफ़ किया, आखिर हूँ तो मैं भारतीय ही :) घर तभी सही से साफ़ होता है जब कोई मेहमान आने वाला हो। यहाँ पर नोटिस वाला सिस्टम बहुत अच्छा है। अवसर कोई भी हो एक नोटिस आपके दरवाज़े में चिपका ही देते हैं जैसे-
यह तब, जब उन्हें आपके घर में नहीं आना होता। 
घर में आने के लिए कुछ ऐसा नोटिस होता है। 
यह मेरा प्रिय नोटिस है। 
हर महीने नऐ फन फैक्ट्स के साथ ऐसा नोटिस देखने को भी मिलता है। जो मुझे सबसे ज़ादा पसंद है। खैर बात तो इंस्पेक्शन की चल रही थी। दरवाज़े की घण्टी बजी.......मैंने बाल्कनी  से देखा तो एक जाँचकर्ता हाथ में कुछ पन्ने लिए खड़ा था। आप सोच रहे होंगे मैंने बालकनी से क्यों देखा? सीधे दरवाज़ा क्यों नहीं खोला? इसका जवाब भी है मेरे पास।

अब आप समझ ही गए होंगे कि जब-जब मैं इन सीड़ियों को देखती हूँ तो थोड़ी हैरान-परेशान सी हो जाती हूँ। जब भी घण्टी बजती है तो छोटे- मोटे काम में अपनी बालकनी से ही निपटा लेती हूँ। पर यह काम बालकनी से निपटने वाला नहीं था। इसके लिए मुझे नीचे जाना ही पड़ा।

यहाँ के लोग बहुत बातूनी होते हैं जितना काम करते हैं उतनी ही बातें। जाँचकर्ता से आज बड़ी मज़ेदार बातें हुईं। घर के अन्दर आते ही उसने मुझसे कहा-"मसाले की खुशबू आ रही है क्या बनाया है लंच में? " जानते हुए भी मैं एक पल के लिए गड़बड़ा गई कि मसाला हिंदी का शब्द है या इंग्लिश का.....फिर मैंने उसे समझाया कि मैंने आज दाल-चावल बनाया है।

उसका दूसरा प्रश्न था, "आप कहाँ से हैं ?" मैंने उसे बताया कि मैं भारत से हूँ।" फिर उसने पूछा मेरी फर्स्ट लैंग्वेज क्या है? क्योंकि भारत में तो बहुत सी भाषाऐं बोली जाती हैं। मैंने भी गर्व से बोला हिंदी।अब वह मुझसे हिंदी में कुछ सुनना चाहता था। वह जानना चाहता था कि हिन्दी सुनने में कैसी लगती है। मैंने उसे बोला आप कुछ इंग्लिश में बोलिए और मैं उसे हिंदी में ट्रांसलेट करती हूँ। सोचिऐ उसने क्या बोल होगा? उसने बोला "Dogs are cool" और मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखने लगा। अब वह मेरे जवाब का इंतजार कर रहा था और मैं मन ही मन सोच रही थी कि इसे मेरे मुँह से कुत्ता शब्द ही सुनना था। मैंने भी मुस्कुराते हुऐ बोला कुत्ते अच्छे होते हैं। वह मेरे पीछे-पीछे बोला, " खुट्टे अट्टे होटे हे" हा हा हा.....सच कहूँ तो उसके मुँह से हिन्दी सुनने में बहुत मज़ेदार लग रही थी। क्या करें हमारी भाषा है ही इतनी अच्छी कोई भी बोले क्यूट ही लगती है। मैंने उसे बताया जैसे आप लोग hi/hello बोलते हो वैसे ही हम लोग नमस्ते बोलते हैं और भी बहुत सी बातें मैंने उसे बताई। बन्दा हिन्दी भाषा से ऐसा प्रभावित हुआ कि जाते समय ख़ुद से ही दरवाज़ा लॉक करके चला गया और मुझ आलसी की नीचे जाने वाली मेहनत बच गई। 

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