शुक्रवार, 17 जून 2016

इनकी एक और नई शैतानी।

वैसे तो छुट्टी के दिन हम कभी घर में रहते नहीं। लेकिन कभी घर में रह गए तो अक्सर दिन में खाना खाने के बाद सो ही जाते हैं। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि इनको नींद आ जाती है पर मुझे नहीं आती तो मैं टी.वी देखने लगती हूँ या कभी टी.वी देख कर बोर हो जाती हूँ तो अपने फ़ोन में गेम्स खेलने लगती हूँ। लेकिन सोचिए जब इनको नींद नहीं आती होगी तो ये क्या करते होंगे? अब बताऊँ क्या आप ख़ुद ही देख लीजिए-

और किसी दिन अगर यह मुझसे जल्दी उठ गए तो भी मेरी खैर नहीं। तब भी मेरे दोनों हाथों में गानों से लेकर मेरे पति का नाम, एड्रेस और हमने आज क्या क्या खाया सब लिखा मिलता है। 

एक दिन तो हद्द ही हो गई। पेन से मेरी मूँछ बना रहे थे और मेरी नींद खुल गई तो घबरा के बोले तुम्हारी upper lip बना दूँ? आज तुम्हारा फेशियल कर दूँ? हा हा हा.... कुछ भी बोल रहे थे डर गए थे बेचारे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें क्या रिएक्शन मिलने वाला है। मैंने भी बोला कर दो... और पता है उन्होंने किया भी :)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें