रस को अंग्रेजी में सूप कहना ही सही होगा क्योँकि इसे उस पानी से बनाया जाता है जिसमे दालों को उबाला गया हो। सुनने में थोड़ा अजीब है पर खाने में इसका जवाब नहीं। इसे खाने का कोई विशेष मौसम नहीं होता पर हमारे यहाँ अक्सर इसे जाड़ों में बनाया जाता है। वैसे तो इसे चावल के साथ खाया जाता है पर मुझे यह रोटी के साथ जादा पसंद है।
सामग्री:
1 cup Gahat
½ cup Kala chana
½ cup Bhatt
½ cup Rajma
½ cup kabuli chana
1 cup Whole urad
½ cup Lobia
½ cup Beans
1 tsp Cumin powder (जीरा)
1 tsp Coriander powder (धनिया)
1 tsp Garam masala
½ tsp Red chilli powder (लालमिर्च)
2 tbsp Ginger and garlic paste (अदरक-लहसुन पेस्ट)
A pinch of hing, turmeric powder (हल्दी)
3 pinches of clove powder (लोंग) and pepper
powder (कालीमिर्च)
2-3 tbsp ghee
Salt to taste
बनाने की विधि:
१- साबुद दालों को रात से ही भिगो दें और उन्हें अच्छे से धो लें।
२- चावल को भी रात से भिगो दें और उसे ग्राइंडर में बहुत महीन पीस लें।
३- कुकर में दुगने पानी के साथ इन दालों को उबाल लें तथा उबलने पर इन्हें कुकर में ही मसल लें और छलनी की मदद से पानी और दाल के दानों को अलग-अलग कर लें। इस पानी से ही रस बनाया जाता है।
४- अलग किये गए दाल के दानों में थोड़ा और पानी मिलाएं और उसे भी छान लें।
५- कड़ाही में घी गरम करें फिर उसमें थोड़ी सी हींग और जीरा डाल कर चलाएं। इसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें और हल्का भूरा होने तक चलाएं। अब इसमें हल्दी, धनिया, लालमिर्च, गरम मसाला,लोंग,कालीमिर्च और नमक डाल दें। अब इस मिश्रण में दाल से अलग किया गया पानी को मिलाएं और उसमें उबाल आने दें।
६- उबलने पर भी अगर वह गाड़ा न हो पाए तो उसमे चावल का आटा या चावल को पीस कर जो पेस्ट तैयार किया था वह डाल लेना चाहिए। इससे रस गाड़ा हो जाता है।
७- अलग किये हुए दानों में मेरी माँ बारीक कटा हुआ प्याज, नमक, मिर्च व थोड़ा सा आचार का तेल मिला कर उसके लडडू बनाती और उसे नीबू और चाट मसाले के साथ परोसती है। आप बिना लडडू बनाये भी इसे खा सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें