मंगलवार, 15 जुलाई 2014

मेरी पहली हवाई यात्रा - 2

अब मेरे और विमान के बीच में एक एयरबस की ही दूरी रह गयी थी जो हमें ले जाने के लिए विमान दौड़ पट्टी पर हमारी प्रतीक्षा कर रही थी। वैसे तो मुझे बस की सवारी कुछ खास पसंद नहीं पर आज सब कुछ अच्छा लग रहा था। विमान में पहुँचते ही मैंने एक लम्बी सी चैन की साँस भरी और झट से जाकर खिड़की के बगल वाली कुर्सी पर बैठ गई। सुरक्षा पेटी लगा अब मैं जहाज़ के उड़ने का इंतज़ार करने लगी क्योंकि अब मैंने जहाज़ को भीतर से तो देख लिया था परन्तु अभी भी ऊंचाई से ज़मीन देखने की इच्छा थी।

उड़ने से पहले ही विमान में एयर होस्टेस आ गयी। पहले तो उन्होंने सबकी सीट बेल्ट देखी और फिर डेमो दिया कि किस तरह से सीट बेल्ट बांधनी है और किस तरह से हवा का दबाव कम होने पर उपर से मास्क खुद निकलकर आता है जिसे मुंह पर लगाकर आप सांस ले सकते हो। उसके बाद उन्होंने बताया कि लाइफ जैकेट जो कि विमान की सीट के नीचे होती है उसे कैसे पहनना है। तभी मेरे पति ने मुझसे एक प्रश्न किया। उनका प्रश्न था कि यदि माँ अपने बच्चे के साथ यात्रा कर रही है और तभी ऐसा कुछ होता है तो उसे किसे पहले बचाना चाहिए, अपने बच्चे को या खुद को? मेरा जवाब था बच्चे को। शायद मेरी जगह कोई भी होता वह यही जवाब देता। पर मैं गलत थी। उन्होंने बताया के दूसरों की मदद करने से पहले अपनी मदद करनी चाहिए।

विमान अब रनवे पर बड़ी तेजी से भागे जा रहा था। मैं बस उसके उड़ने का इन्तेज़ार कर रही थी। अचानक से देखते ही देखते वह उड़ने लगा। वाह! क्या नज़ारा था। कुछ दृश्य ऐसे होते हैं जिसे आप सिर्फ महसूस कर पाते हैं और वह हमेशा के लिए आपके दिल व् दिमाग में छप जाते हैं।  यह नज़ारा भी कुछ ऐसा ही था। ऐसा लग रहा था मानो मैं उड़ रही थी। मैं सच में हवा में थी। जैसे जैसे विमान की दूरी धरती से बढ़ती जा रही थी वैसे वैसे पूरा शहर छोटा होता जा रहा था। इतना सुन्दर नज़ारा मैंने आज से पहले कभी नही देखा था। देखते ही देखते अब मैं बादलों  के ऊपर थी।सच में बादलों  के ऊपर होने का अनुभव ही सबसे अलग अनुभव होता है। यह अनुभव आप भी नीचे दी गयी तस्वीर से ले सकते हैं।
अभी आपलोग सोच रहे होंगे के इंडिया में ऐसा नज़ारा कहा देखने को मिलता है तो आपकी जानकारी के लिए बता दूँ यह तस्वीर भारत की नहीं है। उस दिन तो मैं बहुत खुश थी इसलिए कोई भी तस्वीर नहीं ले सकी । यह तस्वीर मेरी दूसरी हवाई यात्रा की है जो विदेश की थी। इसके बारे में आपको अगले पोस्ट में बताती हूँ।  :)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें