१५ अगस्त का दिन मात्र देशभक्तों को याद करने का दिन ही रह गया है। यह दिन भारत के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। मुझे आज भी याद है बचपन में १५ अगस्त के दिन प्रिंसिपल सर झण्डा रोहण कर भाषण दिया करते थे। उस गर्मी में भाषण सुनने का मन किसका करता, सबकी नज़र उस पेटी में टिकी रहती जिसमें बूंदी के लड्डू होते थे। बहुत सारे कार्यक्रम होते। अंत में लड्डू लेकर हम सभी अपने-अपने घर को चले जाते थे। आस-पड़ोस में भी सिर्फ देशभक्ति के गीतों की गूंज ही सुनने को मिलती थी और घर पर भी दूरदर्शन में सिर्फ देशभक्ति की फिल्में ही चलती थी। जष्न तो हम लोग बहुत ज़ोर शोर से मानते हैं पर दूसरे ही दिन से यह जोश हमारा ठंडा क्योँ हो जाता है? एकतरफ वो लोग थे जिन्होंने अपना खून बहा कर देश को आज़ाद कराया और दूसरी तरफ हमलोग हैं जो सिर्फ सोशियल साइट्स तक ही सीमित रह गए हैं। आज ही मेरे whatsapp पर एक मैसेज आया जिसमें लिखा था "आज १० अगस्त है और १५ अगस्त तक इस इंडियन फ्लैग को अपनी whatsapp pic बनाऐं प्लीज" ये देखिये हमारे झण्डे को व्हाट्सप्प और फेसबुक जैसी सोशियल साइट्स में युवाओं द्वारा सम्मान दिया जा रहा है।
मुझे एक बात समझ नहीं आती १५ अगस्त तक ही क्यों? भारत स्वतंत्र तो हो गया लेकिन अभी भी उसके सामने देश के निर्माण का कार्य चल रहा है और न जाने कब तक यूँही चलता रहेगा। महिला होने के नाते मेरा फ़र्ज़ बनता है की महिलाओं की स्वतंत्रता का भी ज़िक्र किया जाये। हमारे देश में महिलाओं की स्वतंत्रता व सुरक्षा का विषय तो पहले से ही चर्चा में रहा है। मैं इस बारे में ज्यादा तो कुछ बोलूँगी नहीं बस कुछ हेडलाइंस शेयर करना चाहूँगी जिससे आप लोग भारत में महिलाओं की स्थिति का अंदाज़ा लगा सकेंगे। तो ये रहीं हेडलाइंस :--
१-मीरा रोड गैंगरेप केस में सातवें आरोपी का भी सरेंडर।
२-यूपी: पुलिस स्टेशन में महिला के साथ गैंग रेप।
३-गैंग रेप पीड़िता के परिजनों से पुलिस ने मांगी रिश्वत।
४-सातवीं की छात्रा से रेप, पुलिस ने शिकायत फाड़ थाने से भगाया--इसकी अंतिम पंक्तियों में लिखा था "पीड़िता ने आरोपी और अभद्र व्यवहार करने वाले थाना इंचार्ज की शिकायत युपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजी है।" उसके नीचे किसी ने कमेंट किया "गुंडों की सरकार कुछ नही करेगी"।
देश में बढ़ते भ्रष्टाचार, अराजकता, बेरोजगारी, भूखमरी और गरीबी की वजह से अनेक लोगों के लिये १५ अगस्त की आज़ादी एक भूली बिसरी घटना हो गयी है। इसके ज़िम्मेदार कुछ हद तक हमलोग ही तो हैं। देखते है अब यह नई सरकार क्या रंग लाती है इस सरकार से बहुत लोगों की ढ़ेर सारी उम्मीदें जुड़ी हैं और यह भी देखने लायक होगा कि सही माईने में कब हमें हमारी आज़ादी मिल पायेगी।
जय हिन्द।
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Image Courtesy: Received in an email forward. If you own this image and do not wish it to be displayed here, please write so in a comment to this post. I will remove the image. |
१-मीरा रोड गैंगरेप केस में सातवें आरोपी का भी सरेंडर।
२-यूपी: पुलिस स्टेशन में महिला के साथ गैंग रेप।
३-गैंग रेप पीड़िता के परिजनों से पुलिस ने मांगी रिश्वत।
४-सातवीं की छात्रा से रेप, पुलिस ने शिकायत फाड़ थाने से भगाया--इसकी अंतिम पंक्तियों में लिखा था "पीड़िता ने आरोपी और अभद्र व्यवहार करने वाले थाना इंचार्ज की शिकायत युपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजी है।" उसके नीचे किसी ने कमेंट किया "गुंडों की सरकार कुछ नही करेगी"।
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जय हिन्द।
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