शुक्रवार, 22 अगस्त 2014

Dragon fruit

Have you people ever tried a Dragon fruit? If the answer is no then you should try it once. It tastes really good,somewhat like a watermelon. Dragon fruits may not be readily available at your neighborhood grocery, but you can usually find them in Chinatowns around the country. Here are some pictures of it that I have clicked. Hope you people like them :







To know more about this fruit click here

 




मंगलवार, 12 अगस्त 2014

For all the jalebi fans :)

I love food and that is why I think I like cooking. I usually chill out in my kitchen with my favourite music; without it I can't cook. My hubby and I are very fond of jalebis. In India you will find jalebis in every sweet shop. It is very popular there but not as much in the States. As we are in U.S I thought to give it a try and finally I made it. :) It is made by deep frying maida flour batter in a spiral shape which are then soaked in sugar syrup.

Here I am going to share with you a jalebi recipe that can be made quickly without spending long hours on fermenting the maida batter.
Piping hot jalebis
Ingredients
For the batter:
  • 1 cup maida/all-purpose flour 
  • 2tbsp corn starch (for extra crunch) 
  • A pinch of turmeric (haldi) powder or saffron (kesar) for colour. I did not have kesar so I used haldi. 
  • 2tbsp curd 
  • 1tbsp hot oil 
  • 1tsp rapid rise yeast

For the sugar syrup:
  • 2 cup sugar 
  • 2 cup water
  • 1tsp lemon juice (to prevent crystallization) 
  • 1tsp saffron or saffron colour. 
  • Rose water
     I did not have saffron and rose water so I used cardamom (ilaichi) powder.

Other ingredients 
  • I used oil instead of ghee for deep-frying.
Preparation
Batter:
  1. Combine 1tsp yeast with 1tsp sugar and 4tbsp of lukewarm water in a bowl. Ensure that the water is not too hot. Keep aside for 5 to 7 minutes and allow the yeast to rise.
  2. Combine this yeast mixture with the plain flour, 2tbsp corn starch, pinch of turmeric, 2tbsp curd, 1tbsp hot oil,water in a bowl and mix well to make a thick and lump free batter. The batter should not have a runny consistency. Keep aside for 20 to 30 minutes.  
Sugar Syrup:
  1. Add 1 cup sugar to 3/4 cup water, mix well and boil on a high flame for 5 to 7 minutes. Reduce the temperature and heat the syrup till it attains a one-thread consistency. Add a few drops of lemon juice to prevent crystallization. (you can add 1/2 cup of water if needed)
  2.  Add the saffron strands (or cardamom powder, if saffron is unavailable) to 2tsp of sugar syrup in a bowl and then add to this mixture to the sugar syrup. Keep aside.
Jalebi:
  1. Fill the batter in a ketchup dispensing bottle.
  2.  Heat the ghee/oil in a broad non-stick pan and squeeze the bottle to form a spiral shaped jalebi, starting from the inside to the outside.
  3.  Deep-fry the jalebis until they turn golden brown on both the sides.
  4. Place the fried jalebis into the warm sugar syrup. Leave for a minute or until they soak the sugar syrup well and then remove from the sugar syrup. 
  5. Serve immediately with curd.
    Make this someday and enjoy with your family

रविवार, 10 अगस्त 2014

स्वतंत्रता दिवस या देशभक्तों को याद करने का दिन ?

१५ अगस्त का दिन मात्र देशभक्तों को याद करने का दिन ही रह गया है। यह दिन भारत के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। मुझे आज भी याद है बचपन में १५ अगस्त के दिन प्रिंसिपल सर झण्डा रोहण कर भाषण दिया करते थे। उस गर्मी में भाषण सुनने का मन किसका करता, सबकी नज़र उस पेटी में टिकी रहती जिसमें बूंदी के लड्डू होते थे। बहुत सारे कार्यक्रम होते। अंत में लड्डू लेकर हम सभी अपने-अपने घर को चले जाते थे। आस-पड़ोस में भी सिर्फ देशभक्ति के गीतों की गूंज ही सुनने को मिलती थी और घर पर भी दूरदर्शन में सिर्फ देशभक्ति की फिल्में ही चलती थी। जष्न तो हम लोग बहुत ज़ोर शोर से मानते हैं पर दूसरे ही दिन से यह जोश हमारा ठंडा क्योँ हो जाता है? एकतरफ वो लोग थे जिन्होंने अपना खून बहा कर देश को आज़ाद कराया और दूसरी तरफ हमलोग हैं जो सिर्फ सोशियल साइट्स तक ही सीमित रह गए हैं। आज ही मेरे whatsapp पर एक मैसेज आया जिसमें लिखा था "आज १० अगस्त है और १५ अगस्त तक इस इंडियन फ्लैग को अपनी whatsapp  pic  बनाऐं प्लीज" ये देखिये हमारे झण्डे को व्हाट्सप्प और फेसबुक जैसी सोशियल साइट्स में युवाओं द्वारा सम्मान दिया जा रहा है।
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मुझे एक बात समझ नहीं आती १५ अगस्त तक ही क्यों?  भारत स्वतंत्र तो हो गया लेकिन अभी भी उसके सामने देश के निर्माण का कार्य चल रहा है और न जाने कब तक यूँही चलता रहेगा। महिला होने के नाते मेरा फ़र्ज़ बनता है की महिलाओं की स्वतंत्रता का भी ज़िक्र किया जाये। हमारे देश में महिलाओं की स्वतंत्रता व सुरक्षा का विषय तो पहले से ही चर्चा में रहा है। मैं इस बारे में ज्यादा तो कुछ बोलूँगी नहीं बस कुछ हेडलाइंस शेयर करना चाहूँगी जिससे आप लोग भारत में महिलाओं की स्थिति का अंदाज़ा लगा सकेंगे। तो ये रहीं हेडलाइंस :--
१-मीरा रोड गैंगरेप केस में सातवें आरोपी का भी सरेंडर। 
२-यूपी: पुलिस स्टेशन में महिला के साथ गैंग रेप। 
३-गैंग रेप पीड़िता के परिजनों से पुलिस ने मांगी रिश्वत। 
४-सातवीं की छात्रा से रेप, पुलिस ने शिकायत फाड़ थाने से भगाया--इसकी अंतिम पंक्तियों में लिखा था "पीड़िता ने आरोपी और अभद्र व्यवहार करने वाले थाना इंचार्ज की शिकायत युपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजी है।" उसके नीचे किसी ने कमेंट किया "गुंडों की सरकार कुछ नही करेगी"।
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देश में बढ़ते भ्रष्टाचार, अराजकता, बेरोजगारी, भूखमरी और गरीबी की वजह से अनेक लोगों के लिये १५ अगस्त की आज़ादी एक भूली बिसरी घटना हो गयी है। इसके ज़िम्मेदार कुछ हद तक हमलोग ही तो हैं। देखते है अब यह नई सरकार क्या रंग लाती है इस सरकार से बहुत लोगों की ढ़ेर सारी उम्मीदें जुड़ी हैं और यह भी देखने लायक होगा कि सही माईने में कब हमें हमारी आज़ादी मिल पायेगी।

जय हिन्द। 

शुक्रवार, 1 अगस्त 2014

कुछ देर की शांति|

मुझे पहले से ही लोगों के जन्मदिन भूलने की बिमारी  है। आज भी कुछ ऐसा ही हुआ। मैं अपनी बेस्ट फ्रेंड के पति का जन्मदिन भूल गई। यहाँ पर दिनों का तो कुछ पता ही नहीं चलता  बहुत जल्दी निकलते है। ऊपर से अगर वीकेंड चल रहा हो तो फिर कहा कुछ याद रहता है। बहुत डाँठ पड़ी और पड़नी भी चाहिए थी आंखिर गलती भी तो मेरी ही थी। इसी बात पर एक किस्सा याद आ गया थोड़ा पुराना है पर किस्सा तो किस्सा होता है क्या नया क्या पुराना।

 २००५ की बात है पढ़ाई पूरी होने में बस अब कुछ ही महीने बचे थे और ये ट्रेनिंग पता नहीं कहा से बीच में आ टपकी।यह भी ज़रूरी थी नहीं तो इतने सालों की मेहनत  मिट्टी  में मिल जाती । एक तरफ ट्रेनिंग की टेंशन और दूसरे तरफ पिताजी को मानाने की। अपने शहर में कंपनियों  के आभाव के कारण ये तो निश्चित था के जाना बाहर ही है पर ये भी पता था के मंजूरी मिलना इतना आसान नहीं। खैर जैसे तैसे मंजूरी मिली और हम निकले दिल्ली की तरफ। पिताजी के राज़ी होने का कारण वो रिश्तेदार थे जो दिल्ली में रहते थे और जिनके वहाँ वो मुझे रखने वाले थे। पिताजी का मानना  था के मैं रिश्तेदारों के वहाँ सुरक्षित रहूंगी। सफर काफी अच्छा था खूब खाते पीते हम लोग उनके घर पहुँचे। उन लोगों ने हमारी काफी खातिरदारी की। फिर वो समय आया जिसमे पिताजी ने अपने वहाँ आने का कारण  बताया। बस मानो सामने वाली पार्टी को साँप  सूँग गया हो। कुछ देर की शांति के बाद वहाँ से एक आवाज़ आई के यहाँ पर होस्टल्स और पी जी बहुत सारे हैं इसकी कम्पनी  के पास देखियेगा  इसका आने जाने का टाइम बच जायेगा। वैसे देखा जाये तो उनका कहना भी कुछ गलत नहीं था। लड़की की ज़िम्मेदारी अपने में ही बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है और जहाँ दूसरे की लड़की की बात आती है वहाँ पर लोग थोड़ा घबराते ही हैं ऊपर से जगह अगर दिल्ली हो तो हो गया काम।
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पिताजी तो घबरा ही गए किसी बहाने मुझे बाहर बुलाया और कहने लगे चलो वापस कोई ट्रेनिंग नहीं करनी है । मैं तो डर  ही गई थी कुछ समझ नही आ रहा था क्या करुँ। बस अब रोना निकलने ही वाला था के अंदर से माताजी की आवाज़ आई "खाना खाने आओ सभी फिर चलते है हॉस्टल देखने " पिताजी मेरे साथ ही खड़े थे बोले" भगवान से प्राथना कर की  कोई अच्छा हॉस्टल मिल जाये वरना पी जी में मैं तुझे नहीं रखने वाला । मुझे पी जी सुरक्षित नहीं लगता। " फिर क्या निकल पड़े हॉस्टल ढूँढने। आखिरकार  उन्हें ऐसा हॉस्टल मिल ही गया जिसकी वोडेन इन्सान  नहीं हिटलर थी। यही वो हॉस्टल था जहा लाइफ में पहली बार मैं अपना जन्मदिन भी भूल गयी।मेरा जन्मदिन मेरे लिए बहुत विशेष होता है। दो महीने पहले से में हल्ला करने लगती हूँ कि मेरा जन्मदिन आने वाला है। पता नहीं एक अजीब सी ख़ुशी होती है जो मैं लिख कर व्यक्त नहीं कर सकती पर अगर वही इन्सान अपना जन्मदिन भूल जाये तो क्या हो? मेरे साथ कुछ ऐसा ही हुआ। मैं सवेरे ८ बजे चली जाती थी और रात के ७:३० बजे घर पहुँचती थी। बहुत जादा व्यस्त रहती थी इसीलिए शायद भूल गयी थी। लेट आती थी इसलिए जल्दी सो जाती थी। जन्मदिन पर रात में सबसे पहला कॉल मेरे घर से ही आया मुझे तो याद ही नहीं था। मैं सो रही थी कि अचानक फ़ोन की आवाज़ से नींद खुली। समझ नहीं आरहा था इतना लेट इन लोगों ने क्योँ कॉल किया। खैर मैंने झट से फ़ोन उठाया तो उधर से आवाज़ आई "हैप्पी बर्थडे टू यू-२ हैप्पी बर्थडे डिअर। ……मीनुली , हैप्पी बर्थडे टू  यू " ये पहाड़ियों की नाम बिगाड़ने  की आदत बड़ी बुरी होती है। दादी के वक्त से यह प्रथा चली आ रही है। अगर आपका नाम अ ,आ  से शुरू होता है तो आपका नाम अनुली पड़ने की बहुत अधित सम्भावना है।ऐसे ही अगर आपका नाम अन्य किसी भी अक्षर से हो, तो उसके पीछे इनुली  लगा कर आपका नाम और सुन्दर बन सकता हैं उदाहरण के लिए परुली, गीतुली ,धनुली, मीतुली इत्यादि। अगर आप महिला हैं  तो आप भी अपने नाम के पीछे इनुली का प्रयोग कर सकती है,देखिये क्या बनता है।  :)