सोमवार, 27 अप्रैल 2015

Life on the patio :)

I just love gardening for two reasons-
first it relieves all my stress and secondly it makes my home a lot more beautiful.
My husband loves growing vegetables instead of flowers because according to him we can eat vegetable (they are fresh and delicious) but we can't eat flowers. lol :P
Here are a few pics from our patio garden:-

Meri mehnat




Money plant without money :)






Mint


I planted this chilli plant from seeds of pizza chilli flakes :)
Dhaniya (here in US we call it Cilantro)
Fresh mint from our patio
Mint leaves
Fresh methi from our patio
Methi
This is one of my first anniversary gifts.








 Mr. Lazy working hard :P



ghar ki bai :)



Basil




Finally It's growing now...:)

मंगलवार, 7 अप्रैल 2015

ये सूतक-नातक क्या है, ये सूतक-नातक ?

सूतक के बारे में तो मैं बचपन से ही जानती थी पर नातक  के बारे में मुझे नहीं पता था। अभी आप लोग सोच रहे होंगे कि मैं किस बारे में बात कर रही हूँ। हिन्दुओं मैं यह मान्यता है  कि यदि आपके परिवार में किसी की मृत्यु होती है तो उसे सूतक लगना कहते हैं। यदि कोई बच्चा पैदा होता है तो उसे नातक लगना कहते हैं।

सूतक वह अवधि है जिसमें परिवार का कोई भी सदस्य तथा रक्त-सम्बन्धी कुछ दिनों तक पूजा-पाठ नहीं कर सकता और ना ही उसे किसी मंदिर में जाने की अनुमति होती है। इसके पीछे का तर्क मुझे समझ आता है। इसमें हम मंदिर न जाकर उस सदस्य को खोने का दुःख व्यक्त करते हैं। भगवान से मन ही मन उसकी आत्मा की शांति मांगते हैं। हमारे यहाँ खाने मैं हल्दी डालना शुभ माना जाता है। लेकिन सूतक लगने पर तीन दिन बिना हल्दी का खाना बनाया जाता है।

पर यह तर्क मेरे समझ से बाहर है कि क्यों किसी बच्चे के जन्म को अशुद्ध माना जाता है। यह तो ख़ुशी की बात होनी चाहिए कि आपके परिवार में एक छोटी सी या छोटा सा सदस्य शामिल हुआ है। क्यों यह लोग माँ और बच्चे को नामकरण होने तक सबसे दूर रखते हैं? किसी भी अन्य सदस्य को उन्हें छूने नहीं देते। मानती हूँ हमारे पूर्वज बड़े बुद्धिमान थे। पहले के समय में चिकत्सा सुविधाएं उतनी अच्छी नहीं थी जितनी अभी हैं। हो सकता है उन्हें लगता हो ऐसे माँ और बच्चे को वायुवाहित बिमारियों एवं संक्रमण से बचाया जा सकता है। पता नहीं कुछ भी हो सकता है।

यह सब मैं इसलिए लिख रही हूँ क्योंकि मेरी पांच ही नवरात्री हुई थी कि मेरे पापा के चचेरे भाई के वहां बच्चा हो गया और हमें नातक लग गया :( । मुझे समझ नहीं आया कि बच्चा होने की ख़ुशी मनाऊँ या नवरात्री न पूरी कर पाने का गम। 

Chihuly Garden and Glass

I didn't know much about Chihuly prior to our visit. I had no idea what this museum was about. I was speechless after visiting. Absolutely breathtaking. It was phenomenal....
Everything in here was so beautiful and unique. It's amazing to see how glass can bend in so many shapes and be so colorful!
Really awesome :)
Here are some pictures of the glass garden :-